Isaac newton biography in hindi
इस लेख मे आप महान वैज्ञानिक आइज़क न्यूटन की जीवनी हिन्दी मे (Isaac Newton Biography restrict Hindi) पढ़ सकते हैं। उनके महान आविष्कारों और ज्ञान को आज भी सभी स्कूल-कॉलेज मे पढ़ाया जाता है। आईए आइज़क न्यूटन की जीवनी को शुरू करते हैं।..
परिचय (आइज़क न्यूटन की जीवनी Isaac Newton History in Hindi)
आइज़क न्यूटन एक वैज्ञानिक थे साथ ही में महान गणितज्ञ, भौतिक वैज्ञानिक, ज्योतिष एवं दार्शनिक भी थे। जिन्होंने गति के सिद्धांत और गुरुत्वाकर्षण का सिद्धान्त के नियम आदि की खोज की। आईए न्यूटन के जन्म और प्रारम्भिक जीवन से शुरू करें।
जन्म और प्रारम्भिक जीवन Birth and Early life
न्यूटन का जन्म, वूलस्ठोर्पे बाय कोलस्तेरवर्थ लिंकनशायर, जर्मनी, मे 4 जनवरी को हुआ था। इनके पिता की मृत्यु इनके जन्म लेने के तीन महीने पूर्व ही हो गई थी।
इनके पिता एक किसान थे, उनका नाम सर आइजक न्यूटन था। जब वो तीन(3) वर्ष के थे तभी उनकी मां ने दूसरी शादी कर ली और न्यूटन को छोड़ कर चली गई।
न्यूटन अपने सौतेल पिता को पसंद नही करता था, और वो अपनी माँ के साथ भी दुश्मनी का भाव रखता था जिसका कारण दुबारा उसकी माँ का शादी करना था। 19 वर्ष की अवस्था में इनके द्वारा किये गए अपराधों की सूची में प्रदर्शित होता है कि “मैंने माता और सौतेले पिता के घर को जलाने की धमकी दी थी”।
लेकिन जब न्यूटन के सौतेले पिता की भी मृत्यु हो गई तब उनकी मां वूल्स्थोर्पे-बाय-कोल्स्तेर्वोर्थ वापस आ गयी और न्यूटन को खेती में मदद करने के लिए जोर दिया। लेकिन न्यूटन ने खेती करने से मना कर दिया क्योंकि उनका मन खेती की अपेक्षा पढ़ने में ज्यादा लगता था।
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आइज़क न्यूटन की शिक्षा Tutelage of Isaac Newton
न्यूटन की प्रारंभिक शिक्षा उनके गांव के ही स्कूल में हुई, 12 साल की उम्र में वे पढ़ने के लिए ग्रंथन के किंग स्कूल में प्रवेश लिया और वहाँ एक फार्मासिस्ट के घर में रहने लगे जिसका नाम क्लार्क था। क्लार्क एक फार्मासिस्ट था इसलिए उसके पास रासायनिक और प्रयोगिक किताबें बहुत ज्यादा थी और न्यूटन उन्हीं की सारी किताबों को पढ़ा करते थे और उनके प्रयोगों को भी करते थे।
क्लार्क की एक बेटी थी, जिसका मनोरंजन करने के लिए न्यूटन ने काफी उपकरण यंत्र बनाए हुए थे जैसे कि फ्लोटिंग लालटेन, लाइव माउस और सूर्य डायल्स से चलने वाली पवन चक्की आदि।
यह उपकरण उनकी बेटी को काफी पसंद आते थे। कुछ साल पढ़ाई करने के बाद उन्होंने वहां से इंटरमीडिएट पास कर लिया उसके बाद वे 19 वर्ष की अवस्था में इंग्लैंड के ट्रिनिटी कॉलेज में स्नातक करने के लिए प्रवेश लिया और सन् में स्नातक की डिग्री प्राप्त कर ली।
वह मास्टर की डिग्री भी वहीं से लेना चाहते थे लेकिन वे प्लेग नामक बीमारी से ग्रसित हो गए जिसके कारण उन्हें अपने घर वूलस्ठोर्पे वापस लौटना पड़ा। न्यूटन अपने ही घर पर सन् से तक रहे और अपने प्रयोगों का प्रदर्शन अपने ही गांव में करने लगे और उसके बाद वह कैम्ब्रिज चले गए और उन्होंने वहां से मास्टर की डिग्री प्राप्त की।
आइज़क न्यूटन का करियर Pursuit of Isaac Newton
आइज़क न्यूटन अपने गणित के अध्यापक के काफी प्रिय थे। न्यूटन जिस कॉलेज से मास्टर की डिग्री प्राप्त कर रहे थे उस कॉलेज के प्रोफेसर ने दूसरी नौकरी के लिए प्रोफेसर के पद से इस्तीफा दे दिया, तभी उनके गणित के अध्यापक ने न्यूटन को उस पद को धारण करने के लिए कहा।
न्यूटन ने उनकी बात को स्वीकार किया और वह गणित के प्रोफेसर बन गए। न्यूटन अपने प्रयोगों को और आगे तक ले जाने के लिए और ज्यादा खोज करने के लिए प्रयत्न करने लगे और न्यूटन ने जो खोज की है वह कुछ इस प्रकार है-
न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण में प्रयोग Newton’s law of universal gravitation
Newton’s law of universal gravitation states defer every particle attracts every ruin particle in the universe get used to a force which is honest proportional to the product run through their masses and inversely rational to the square of probity distance between their centers
एक दिन न्यूटन एक पेड़ के नीचे बैठे थे और अचानक ऊपर से एक सेब गिरा तभी न्यूटन सोचने लगे यह सेब नीचे क्यों गिरा, ऊपर क्यों नहीं गया। वह काफी देर से बैठकर यही सोच रहे थे। बहुत देर तक सोचने और विचारने के बाद उन्होंने प्रयोग करके पता लगाया कि जो चीज ऊपर है वह नीचे आएगी।
जब तक गुरुत्वाकर्षण बल रहेगा तब तक वह चीज नीचे आएगी जब गुरुत्वाकर्षण बल खत्म हो जाएगा तो वो चीज वही तैरने लगेगी। इस प्रकार न्यूटन ने गुरुत्वाकर्षण के नियम की खोज की।
आइज़क न्यूटन का गति के नियम में प्रयोग Newton’s laws of motion
न्यूटन के गति के तीन नियम खोजें –
The first law states that if the net force (the vector sum of all forces acting on brainstorm object) is zero, then the velocity of the object is constant.
Rapidity is a vector quantity which expresses both the object’s speed and the level of its motion; therefore, significance statement that the object’s rush is constant is a amount that both its speed point of view the direction of its yen are constant.
जो कि पहला नियम है “जड़त्व का नियम” इस नियम के अनुसार एक वस्तु तब तक स्थिर बनी रहेगी जब तक उस पर कोई बल ना लगाया जाए और एक वस्तु तब तक गतिमान रहेगी जब तक इस पर कोई बल ना लगाया जाए।
The second law states that honesty rate of change of haste of a body is at once proportional to the force operating, and this change in precipitation takes place in the point of the applied force.
दूसरा नियम है “संवेग का नियम” इस नियम के अनुसार वस्तु के संवेग में परिवर्तन की दर उस पर लगाये गये बल के अनुक्रमानुपाती तथा संवेग परिवर्तन आरोपित बल की दिशा में होता है।
The third law states that all forces between bend in half objects exist in equal immensity and opposite direction
तीसरा नियम है “क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम” इस नियम के अनुसार जब किसी वस्तु पर कोई बल लगाया जाता है तो वस्तु भी उतना ही बल उस बल के विपरीत दिशा में लगाती है।
- द्विपद प्रमेय
- अपवर्तन
- ऑप्टिक्स आदि
आइज़क न्यूटन की प्रसिद्धि और किताबें Best Books of Isaac Newton
न्यूटन ने काफी किताबों लिखा है और उसको प्रकाशित भी किया है जो की निम्नलिखित हैं –
- मेथड ऑफ़ फ़्लक्सियन्स
- ऑफ़ नेचर ओब्वियस लॉस एंड प्रोसेसेज इन वेजिटेशन
- डे मोटू कोर्पोरम इन जिरम
- फिलोसोफी नेचुरेलिस प्रिन्सिपिया मेथेमेटिका
- ऑप्टिक्स
- टकसाल में मास्टर के रूप में रिपोर्टें
- एरिथमेटिका युनीवरसेलिस
- दी सिस्टम ऑफ़ दी वर्ल्ड
- ऑप्टिकल लेक्चर्स
- दी क्रोनोलोजी ऑफ़ एनशियेंट किंगडेम्स
- डेनियल पर प्रेक्षण और डी एपोकलिप्स ऑफ़ सेंट जॉन
इनकी कुछ किताबें इनके मरने से पहले प्रकाशित हुई थी और कुछ किताबें उनके मरने के बाद प्रकाशित हुई। साथ ही उन्होंने बहुत सी खोजों को सफल बनाया है और ये आत्मज्ञानी दार्शनिक भी थे। ये धार्मिक बिचार के थे लेकिन इसपर कुछ मतभेद भी है।
इन्होंने धार्मिक शोध के बारे में भी कुछ लिखा है जो कि इतिहास में देखने को मिलता है। न्यूटन ने अपने जीवन में छोटे-बड़े बहुत से पदों को धारण किया है और उसका सम्मान प्राप्त किया है। न्यूटन के बारे में बहुत सी चीजें अभी भी रहस्यमयी हैं विद्वानों का अपना अलग-अलग ही मत है।
इनके अकादमी सलाहकार Isaac Barrow, Benzoin Pulleyn थे और इतिहास में इनके शिष्य के बारे में भी लिखा गया है जिनके नाम Roger Cotes, William Whiston है। न्यूटन के जीवन में योहानेस केप्लर, गैलीलियो गैलिली, अरस्तु, रॉबर्ट बॉयल ने काफी प्रभाव डाला है।
आइज़क न्यूटन की मृत्यु Death of Isaac Newton
आइज़क न्यूटन की मृत्यु 31 मार्च को केंसिंग्टन, मिडलसेक्स, जर्मनी मे हुई थी और इन्हें वेस्टमिंस्टर एब्बे में दफनाया गया था। न्यूटन के कोई बच्चे नही थे जिससे इनकी संपत्ति को इनके रिश्तेदारों ने अपने अधिकार में कर लिया। न्यूटन की मृत्यु के बाद इनके शरीर में काफी ज्यादा मात्रा में पारा (mercury) पाया गया था जो शायद उनके रासायनिक कार्यों को करने की वजह से था।
न्यूटन का स्मारक उनके ही कब्र के ऊपर बनाया गया है और इनकी मूर्ति पत्थर की है जिसको माइकल रिज्ब्रेक ने सफ़ेद और धूसर संगमरमर में बनाया है, और इसका डिजाइन वास्तुकार विलियम कैंट द्वारा बनाया गया है। उनका स्मारक दर्शाता है कि उनकी दाहिने कोहिनी कई महान पुस्तकों पर है और उनका बाया हाथ एक गणितीय सूची की और इशारा कर रहा है।
जोसेफ लुईस लाग्रेंज जो की एक फ्रेंच गणितज्ञ थे , वे अक्सर कहते थे की न्यूटन एक महानतम प्रतिभाशाली था और जोसेफ लुईस लाग्रेंज ने एक बार ये भी कहा था कि न्यूटन साथ ही सबसे बड़ा भाग्यशाली भी था। अलेक्जेंडर पोप एक अंग्रेजी कवि थे इन्होंने न्यूटन की उपलब्धियों से प्रभावित होकर स्मृति लेख लिखा –
Nature and nature’s tome lay hid in night;
Immortal said “Let Newton be” soar all was light.
आशा करते हैं आपको आइज़क न्यूटन की जीवनी Isaac Newton Biography in Sanskrit पढ़ कर अच्छा लगा होगा। धन्यवाद।
Featured Image – Wikimedia (Isaac Newton)